तब बाबा तुम खिवैया बन प्रकट हुए थे ले संकल्प नव सोच नव कृति संरचना की।। तब बाबा तुम खिवैया बन प्रकट हुए थे ले संकल्प नव सोच नव कृति संरचना की।।
अगर बिके मतदाता पाचसौ की लालच में तो अनुमान लगाओ जरा नेता कितना लुट नोच खाये देश को विकास के नाम... अगर बिके मतदाता पाचसौ की लालच में तो अनुमान लगाओ जरा नेता कितना लुट नोच खाये ...
तुम्हारे पास पाने को दुनिया है खोने को कुछ नहीं तुम्हारे पास पाने को दुनिया है खोने को कुछ नहीं
शिक्षा बिन वर्तमान निर्रथक सबका साथ, सबका विकास शिक्षा बिन वर्तमान निर्रथक सबका साथ, सबका विकास
अम्मा की मीठी लोरी में सपनों, में सुला दिया, भैया से प्यारी तकरार। अम्मा की मीठी लोरी में सपनों, में सुला दिया, भैया से प्यारी तकरार।
ख़ुशी थी बचपन की गलियों की खेल- कूद की, सहेलियों की गुड़ियों की शादी करते हम कहाँ समझ थी बहेल... ख़ुशी थी बचपन की गलियों की खेल- कूद की, सहेलियों की गुड़ियों की शादी करते हम...